रूहानी नदी
जिस तरह नदी में बाढ़ आने पर तेज़ पानी के बहाव के कारण पूरा कचरा-कुचरा व नदी में जमा मैल भी उस बाढ़ के साथ ही बह जाता है,और नदी स्वच्छ व साफ हो जाती है और अच्छे से बहने लगती है बस * *उसी तरह हमें अपने मन के अंदर बसी विकारों रूपी नदी के अंदर भजन-सिमरन रूपी पानी से ,कम से कम इतना बहाव पैदा करना है ,इतनी बाढ़ लानी है कि काम , क्रोध , लोभ , मोह व अहंकार रूपी कचरा पूरी तरह से बहकर निकल जाये और रूहानियत में आगे का रास्ता साफ होता जाये क्योंकि जब तक कचरा भरा रहेगा तब-तक आगे बढ़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है
Radha Soami ji🙏🏻
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Radha Soami Ji