राधास्वामीजी
मुम्बई भायंदर में आज के सत्संग पश्चात सवाल जवाब के वक़्त एक सवाल आया एक लड़की का
कि मेरा मायका ब्राम्हण समाज से है पर हमने नामदान लिया हुआ है तो श्राद्ध के वक़्त मायके से बारबार न्यौता आता है खाना खाने के लिए तो पति नही जाने देते , कहते हैं कि उनके पास यहाँ वहाँ से आटा घी चावल आए हुए होते हैं हमने नही खाना चाहिए तो इस पर क्या किया जाए
बाबाजी कहते हैं आप खुद जो सही समझें वह करें पर हमेशा देने का भाव रखें लेने का नही
एक ही लाइन में बहुत बड़ी बात कह दी मालिक ने
समझें तो बस इतना ही काफी है हमारे लिए
आज की जेहन में अटकी सबसे बड़ी बात👆🏻
राधास्वामीजी
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Radha Soami Ji