हर नामें तुल न पुजई
सभु दिठी ठोक बजाय
सच्चे नाम के सिवा कोई पूजा नहीं ।
चाहे कितने पुन्य दान करो ,
मंदिरों , मस्जिदों , गुरुद्वारों , चर्चों में ही क्यों न जाओ ।
कितने ही बार गंगा स्नान करो या पहाड़ों तीर्थों की ठोकरें ही क्यों न खाओ ,
उस नाम की बराबरी नही कर सकते ।
हरि की पूजा दुलंभ है संतो
मनमुख थाह न पाई हे
उस हरि यानि परमात्मा की भक्ति बहुत ही दुर्लभ है ।
यह मनमुखों के पले नहीं पड़ती ।
गुरुमुख होय सो काया खोजे
जो गुरुमुख होते हैं वो उस मालिक की खोज अपने शरीर के अंदर ही करते हैं ।
जो सतगुरु के कहने अांतरिक सतगुरु सेवा में लगते हैं , उन्हें सचखंड में मान मिलता है ।
जिन सेविया तिनि पाइया मान
🙏राधास्वामी जी🙏
सभु दिठी ठोक बजाय
सच्चे नाम के सिवा कोई पूजा नहीं ।
चाहे कितने पुन्य दान करो ,
मंदिरों , मस्जिदों , गुरुद्वारों , चर्चों में ही क्यों न जाओ ।
कितने ही बार गंगा स्नान करो या पहाड़ों तीर्थों की ठोकरें ही क्यों न खाओ ,
उस नाम की बराबरी नही कर सकते ।
हरि की पूजा दुलंभ है संतो
मनमुख थाह न पाई हे
उस हरि यानि परमात्मा की भक्ति बहुत ही दुर्लभ है ।
यह मनमुखों के पले नहीं पड़ती ।
गुरुमुख होय सो काया खोजे
जो गुरुमुख होते हैं वो उस मालिक की खोज अपने शरीर के अंदर ही करते हैं ।
जो सतगुरु के कहने अांतरिक सतगुरु सेवा में लगते हैं , उन्हें सचखंड में मान मिलता है ।
जिन सेविया तिनि पाइया मान
🙏राधास्वामी जी🙏
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Radha Soami Ji