राधा स्वामी जी
हमारी आँखे भी वही लोग खोलते हैं
जिन पर हम आँख बंद करके
विश्वास करते हैं.....
'संभल' कर चल 'नादान' ,
ये 'इंसानों' की बस्ती हैं ...
ये 'रब' को भी 'आजमा' लेते हैं
फिर 'तेरी' क्या हस्ती हैं ...!!!
जीवन बहुत छोटा है, उसे जियो.
प्रेम दुर्लभ है, उसे पकड़ कर रखो.
क्रोध बहुत खराब है, उसे दबा कर रखो.
भय बहुत भयानक है, उसका सामना करो.
स्मृतियां बहुत सुखद हैं, उन्हें संजो कर रखो.
अगर आपके पास मन की
शांति है तो.....
समझ लेना आपसे अधिक
भाग्यशाली कोई नहीं है.!!
सोच का प्रभाव
मन पर होता है
मन का प्रभाव
तन पर होता है
तन और मन दोनों का प्रभाव
सारे जीवन पर होता है
इसलिये सदा अच्छा सोचें और खुश रहें.....हंसते मुस्कराते रहिये ....
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Radha Soami Ji