RADHA SWAMI JI
क्या समा बांधा था बयां नहीँ कर सकते🙏🏼
कल अजमेर में बाबाजी आए वहां कुछ बच्चों ने सवाल जवाब किए। एक मुस्लिम बच्चा;-सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सूफी शहर में आपका बहुत-बहुत स्वागत है। आपकी रुह जब उस मांगी आत्मानी मियां जब सुल्तानी को पकड़ती हुई उस अल्लाह से मिलती है तो आपको जो अनुभव हुआ उससे दो टुक शायराना अंदाज में बयां करे।
बाबा जी ने कहा- इश्क अल्लाह की जात है, इश्क अल्लाह का रंग, इश्क अल्लाह की इबादत, इश्क अल्लाह का ढंग।
बच्चा - इश्क तो सारे ही करने हैं यह कौन सा इश्क है क्या यह ऐसा इश्क है जो परमात्मा से हुआ है।
बाबा जी ने कहा- दो तरह के इश्क होते हैं एक मिजाजी जो आज हम लोग कर रहे हैं और एक होता है हकीकी जो हीर रांझा ने किया था जिसमें हीर ने बोला था रांझा रांझा करदी नी मैं आपे रांझा होई जिसमें दो इश्क करने वाले एक हुए थे तो वहां जरूरत इश्क हकीकी है हम जो करते हैं वह इश्क मिजाजी है जो हमारे मिजाज से बदलता है लेकिन शुरुआत इश्क मिजाजी से होती है
बच्चा। - जो आपने खुदाई बरसाई है वह खुदाई बरसाते रहें और मोमिनो को मदहोश करते रहे।
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