फकीर बुलेशाह से जब किसी ने पूछा, कि आप इतनी
गरीबी में भी भगवान का शुक्रिया कैसे करते हैं
तो बुलेशाह ने कहा.....
चढ़दे सूरज ढलदे देखे...
बुझदे दीवे बलदे देखे.,
हीरे दा कोइ मुल ना जाणे..
खोटे सिक्के चलदे देखे.
जिना दा न जग ते कोई, ओ वी पुत्तर पलदे देखे।
उसदी रहमत दे नाल बंदे पाणी उत्ते चलदे देखे।
लोकी कैंदे दाल नइ गलदी, मैं ते पत्थर गलदे देखे।
जिन्हा ने कदर ना कीती रब दी, हथ खाली ओ मलदे देखे ..
..कई पैरां तो नंगे फिरदे, सिर ते लभदे छावा,
मैनु दाता सब कुछ दित्ता, क्यों ना शुकर मनावा l
गुरु अमरदास जी सावधान करते हैं कि सतगुरु का मिल जाना और उनसे नाम का भेद प्राप्त कर लेना काफ़ी नहीं । सतगुरु से मिले शब्द की कमाई करना आवश्यक है । मन और आत्मा की अवस्था जब भी बदलेगी, शब्द की कमाई के द्वारा ही बदलेगी ।
भजन :-
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Guru pyari sadh sangat G Radha Soami G🙏🏻🌿
Hum Sabhi ko roz Subhe uthh kr malik ka Sada Shukriya karna chahiye ek nai Subha k liye ye mat bhule ki hamara ek ek swans malik ki hi rehmat hai uski rehmat k aage hamari koi aukaat nahi hai iss liye Sada shukrana,,,,,swans swans shukrana mere malik ,,, uthte baithte sote jagte sirf malik ko hameisha yaad rakhna hai,,jo hamei homework mila hua hai use jarur poora krna hai bhool kr na baithe bilkul🙏🏻☝🏻🌿
Sabkuchh praya hai ek vo Raam☝🏻hi apna hai याद रहे जी🙏🏻
➰ Radha Soami G ➰🙏🏻☝🏻😊
राज़ कराने वाला भी वो भीख मंगाने वाला भी वो कुल मालिकही है उसकी रजा मे रह कर ही
_हमे भजन-सिमरन करना है..
हमे फर्क नही पड़ना चाहिए कि
वो हम से चाहे दर-दर की भीखमंगाए, चाहे राज कराएं, नंगा रखे
_चाहे भूखा रखे...
_जिस भी हाल मे रखे हमने रहना ही है।
_जब हममें ऐसी सोच आ जायेगी,
_तो ना कोई दुख रहेगा और
_ना ही कोई सवाल....!!!
🙏🏽☝🏽🙏🏽
_राधा स्वामी जी
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Radha Soami Ji